बिहार रेजिमेंट ने एक बार फिर से अपनी शक्ति का परिचय दिया
350 चीनी, बिहार रेजिमेंट के 100 जवान: बरसते पत्थरों के बीच 3 घंटे, उखाड़ फेंके चीन के तम्बू ये कहानी शुरू होती है सोमवार (जून 15, 2020) की शाम से, जब भारत के 3 इन्फेंट्री डिवीजन कमांडर अन्य अधिकारियों के साथ श्योक और गलवान रिवर वैली के वाई जंक्शन पर मौजूद थे। ईस्टर्न लद्दाख में दोनों ही देशों के बीच बातचीत होनी थी, लेकिन चीन ने पीठ में छुरा घोंप दिया। भारतीय सशस्त्र बलों को ये जिम्मेदारी दी गई थी कि वो वहाँ से चीनियों पर नज़र रखें कि वो पोस्ट को खाली कर रहे हैं या नहीं। 16 बिहार रेजिमेंट को भी इसी काम में लगाया गया था। चाइनीज ऑब्जरवेशन पोस्ट में 10-12 सैनिक थे, जिन्हें भारतीय सेना ने वहाँ से जाने कह दिया था, क्योंकि दोनों ही देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में यही समझौता हुआ था। भारतीय सेना के कहने के बावजूद वो लोग वहाँ से नहीं हट रहे थे। इसके बाद कर्नल संतोष बाबू लगभग 50 सैनिकों के साथ वहाँ चीनियों को ये कहने गए कि वे भारतीय सरजमीं को खाली करें।चीनियों ने गलवान रिवर वैली में पीछे एक बैकअप टीम तैयार रखी थी। उसमें कम से कम 300-350 सैनिक थे। जब भारतीय पेट्रोलिंग यूनिट वहाँ से ल