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महिला का 'सरनेम' था ऐसा कि हर नौकरी से हो जाती थी रिजेक्‍ट, मजाक भी उड़ाते थे लोग, जानिए क्‍या था ऐसा

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किसी भी व्‍यक्ति के लिए उसका सरनेम ही उसकी अलग पहचान होती है। ये उसके पैदा होने के बाद अपने माता-पिता, परिवार, या फिर समुदाय की तरह से मिलता है। लेकिन असम में एक महिला को उसका सरनेम उसके लिए मुसीबत बन गया और यहां तक कि उसके नौकरी के लिए आवेदन को ठुकरा दिया गया। महिला का नाम प्रियंका है और वो गुवाहाटी की रहने वाली है। प्रियंका ने सरकारी कंपनी नेशल सीड कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NSCL) में नौकरी के लिए ऑनलाइन आवेदन भरने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसके सरनेम के चलते वेबसाइट और सॉफ्टवेयर उनके एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दे रहा था। विस्‍तार से जानिए क्‍या है प्रियंका का सरनेम जिससे हो रही है मुसिबत प्रियंका का सरनेम Chutia (चू***)है। ऐसे में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर इस शब्‍द को बार बार रिजेक्‍ट कर दे रहा था! इससे वह जॉब के लिए अप्‍लाई नहीं कर पाईं। आपको बता दें कि असम में एक आदिवासी जनजाति है। प्रियंका इसी जनजाति से हैं। इसमें लोगों के दो सरनेम होते हैं। पहला Chutia और दूसरा Sutiya (सूतिया)। माना जाता है कि ये जनजाति मूलरूप से मंगोलिया के चीन और तिब्‍बती परिवारों के वंशज होते हैं। प्रियंका ने फेसबुक पर निकाली भड

मोटी कमाई का जरिया बनता जा रहा कंप्यूटर साइन्स इंजीनियरिंग !

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कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर:  कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर का काम कंप्यूटर के औजारों की रिसर्च, डिजाइन, टेस्ट, चिप सर्किट बोर्ड    बनाना है. इसके अंतर्गत कंप्यूटर के हिस्सों की मरम्मत, कम्प्यूटर को असेंबल करना, नेटवर्क तैयार करना जैसे काम आते हैं. कम्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर का काम करने वाले लोगों को भी औसतन 60 लाख रुपये सलाना तक का पैकेज मिलता है. निःशुल्क नामंकन   अब शिक्षा में बाधा नहीं बनेगा पैसा! योग्यता-12th Science/Math रहना,खाना पढ़ना -बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से। जल्द से जल्द संपर्क करें- SSS FOUNDATION MASAURHI PATNA मो. नo-6201026667,8 651248094

बिहार रेजिमेंट ने एक बार फिर से अपनी शक्ति का परिचय दिया

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350 चीनी, बिहार रेजिमेंट के 100 जवान: बरसते पत्थरों के बीच 3 घंटे, उखाड़ फेंके चीन के तम्बू ये कहानी शुरू होती है सोमवार (जून 15, 2020) की शाम से, जब भारत के 3 इन्फेंट्री डिवीजन कमांडर अन्य अधिकारियों के साथ श्योक और गलवान रिवर वैली के वाई जंक्शन पर मौजूद थे। ईस्टर्न लद्दाख में दोनों ही देशों के बीच बातचीत होनी थी, लेकिन चीन ने पीठ में छुरा घोंप दिया। भारतीय सशस्त्र बलों को ये जिम्मेदारी दी गई थी कि वो वहाँ से चीनियों पर नज़र रखें कि वो पोस्ट को खाली कर रहे हैं या नहीं। 16 बिहार रेजिमेंट को भी इसी काम में लगाया गया था। चाइनीज ऑब्जरवेशन पोस्ट में 10-12 सैनिक थे, जिन्हें भारतीय सेना ने वहाँ से जाने कह दिया था, क्योंकि दोनों ही देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में यही समझौता हुआ था। भारतीय सेना के कहने के बावजूद वो लोग वहाँ से नहीं हट रहे थे। इसके बाद कर्नल संतोष बाबू लगभग 50 सैनिकों के साथ वहाँ चीनियों को ये कहने गए कि वे भारतीय सरजमीं को खाली करें।चीनियों ने गलवान रिवर वैली में पीछे एक बैकअप टीम तैयार रखी थी। उसमें कम से कम 300-350 सैनिक थे। जब भारतीय पेट्रोलिंग यूनिट वहाँ से ल
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ajib daasta hai yea kha suru kaha khatam yea manjilr hai kaun si naa woh samjh sake naa hum
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mohabbat naam hai jis ka wo aisi Qaid hai umar beet jati hai par saza puri nahi hoti.

dard bhari shayari

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Yeh iltiza hai humari ke aankhon mein basaa lo humko...                                       Hum bhi sajj jayenge, aur tum bhi sanwar jaoge

dard bhari shayri

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ये इश्क भी नशा ए शराब सा है, करें तो मर जाएँ, छोड़े तो किधर जाएँ !!